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आसाराम का पाकिस्तान कनेक्शन जानते हैं क्या है इसकी सच्चाई
दोस्तों आपको पता होना चाहिए कि आसाराम का जन्म पाकिस्तान के आसाराम का असली नाम असुमल थाउमल हरपलानी है. उसका परिवार मूलतः सिंध, पाकिस्तान के जाम नवाज अली तहसील का रहनेवाला था, लेकिन भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद उसका परिवार अहमदाबाद में आकर बस गया था.
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ऐसा बताया जाता है कि आसाराम के पिता लकड़ी और कोयले के कारोबारी थे. उसकी आसाराम की ऑटोबायोग्राफी के अनुसार, आसाराम ने तीसरी क्लास तक ही पढ़ाई की. फिर पिता के निधन के बाद आसाराम कभी टांगा चलाया तो कभी चाय बेचने का काम तक किया. फिर 15 साल की आयु में घर छोड़ दिया और गुजरात के भरुच स्थित एक आश्रम में आ गया.
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यहां पर आध्यात्मिक गुरु लीलाशाह नाम से दीक्षा ली. दीक्षा से पहले खुद को साबित करने के लिए साधना की. दीक्षा के बाद लीलाशाह ने ही आसुमल का नाम आसाराम बापू रखा.
1973 में आसाराम ने अपने पहले आश्रम और ट्रस्ट की स्थापना अहमदाबाद के मोटेरा गांव में की. इसके बाद समय के साथ आसाराम का साम्राज्य बढ़ता चला गया. 1973 से 2001 तक उसने कई गुरुकुल, महिला केंद्र बनाए. आने वाले दशकों में आसाराम ने अपने बेटे नारायण साईं के साथ मिलकर देश विदेश में फैले अपने 400 आश्रमों का साम्राज्य खड़ा कर लिया. यहां तक की कई राजनीतिक पार्टियों में जड़ें जमा ली.
शुरुआती सालों में प्रवचन के बाद प्रसाद के नाम पर वितरित किए जाने वाले मुफ़्त भोजन ने भी आसाराम के 'भक्तों' की संख्या को तेज़ी से बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
आसाराम की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार आज दुनिया भर में उनके चार करोड़ अनुयायी हैं.
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फिर 1997 से 2008 के बीच उस पर रेप, जमीन हड़पने, हत्या जैसे कई आरोप लगते गए. 2008 में जब एक बच्चे की मौत आसाराम के स्कूल में हुई तो उस पर तांत्रिक क्रियाओं को लेकर हत्या करने के आरोप लगे. इसके बाद तत्कालीन मोदी सरकार ने आसाराम के ऊपर जांच बैठाई.फिर अगस्त 2013 में एक नाबालिग ने आसाराम पर रेप का आरोप लगाया. घटना जोधपुर के आश्रम की बताई गई. इस केस की एफआईआर दिल्ली में दर्ज कराई गई. आसाराम को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वो नहीं आया.
उसके खिलाफ फिर गैर जमानती वारंट जारी किया गया. गिरफ्तारी से बचने के लिए आसाराम इंदौर के आश्रम में रुका. लेकिन, जोधपुर पुलिस ने 1 सितंबर को 2013 को आसाराम को अरेस्ट कर ही लिया.
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आपको बता दें कि आसाराम के खिलाफ धारा 342, 376, 506 और 509 के तहत केस दर्ज हैं. इसके अलावा पॉक्सो एक्ट भी लगा हुआ है.
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गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी भी उनके आश्रम जाते रहे थे. इससे आसाराम बापू को लगा कि क़ानून के हाथ उन तक नहीं पहुँच सकते हैं.
बहरहाल इस घटनाक्रम मैं काफी उतार-चढ़ाव आए पर कानून ने अपना काम किया और कोर्ट द्वारा आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई और इसी के साथ आसाराम के चैप्टर को क्लोज कर दिया गया.
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जय हिंद! जय भारत! वंदे मातरम!